भारत का करारा जवाब: जब न्यूयॉर्क टाइम्स ने उड़ाया मज़ाक और भारत ने रच दिया इतिहास

भारत को दुनिया के विकसित देशों ने कई बार कम आंका है, लेकिन हर बार भारत ने अपने कड़े परिश्रम और सफलता से इन सभी आलोचनाओं का करारा जवाब दिया है। ऐसा ही एक दिलचस्प और गर्व से भर देने वाला किस्सा भारत के मंगल मिशन से जुड़ा हुआ है। यह घटना तब की है जब भारत ने अपने पहले प्रयास में ही मंगल ग्रह तक सफलतापूर्वक अपना अंतरिक्ष यान भेज दिया था।

जब न्यूयॉर्क टाइम्स ने उड़ाया भारत का मज़ाक

भारत जब अपने महत्वाकांक्षी 'मंगलयान' मिशन की तैयारी कर रहा था, तब पश्चिमी देशों ने इसे हल्के में लिया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस पर एक व्यंग्यात्मक कार्टून प्रकाशित किया, जिसमें दिखाया गया था कि एक भारतीय किसान अपनी गाय के साथ एक ‘एलीट स्पेस क्लब’ का दरवाजा खटखटा रहा है। इस कार्टून का आशय यह था कि भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्था वाला देश अंतरिक्ष अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में प्रवेश करने के काबिल नहीं है। यह कार्टून न केवल अपमानजनक था, बल्कि भारत के वैज्ञानिक समुदाय की कड़ी मेहनत और क्षमताओं पर भी सवाल उठाता था।


भारत का करारा जवाब: जब न्यूयॉर्क टाइम्स ने उड़ाया मज़ाक और भारत ने रच दिया इतिहास

भारत का ऐतिहासिक पल: पहले ही प्रयास में मंगलयान की सफलता

लेकिन भारत ने अपनी काबिलियत साबित करते हुए 5 नवंबर 2013 को PSLV-C25 रॉकेट के माध्यम से 'मंगलयान' मिशन लॉन्च किया और 24 सितंबर 2014 को इसे मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। यह उपलब्धि इसलिए भी खास थी क्योंकि भारत दुनिया का पहला देश बन गया जिसने अपने पहले ही प्रयास में मंगल तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की। साथ ही, यह सबसे कम बजट में पूरा किया गया अंतरिक्ष मिशन था, जिसकी लागत मात्र 450 करोड़ रुपये थी। यह हॉलीवुड की कई साइंस-फिक्शन फिल्मों से भी कम थी।

भारत का मज़ाक उड़ाने वालों को मिला करारा जवाब

मंगलयान मिशन की सफलता के बाद, एक नया कार्टून वायरल हुआ, जिसमें दिखाया गया कि वही भारतीय किसान अपनी गाय के साथ ‘एलीट स्पेस क्लब’ के अंदर बैठा है, जबकि क्लब के अन्य सदस्य बाहर रॉकेट के साथ खड़े हैं। इस कार्टून ने न केवल न्यूयॉर्क टाइम्स के पूर्वाग्रहपूर्ण रवैये का मज़ाक उड़ाया बल्कि भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि का गर्वपूर्ण चित्रण भी किया।


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निष्कर्ष

भारत ने समय-समय पर यह साबित किया है कि आलोचनाओं और उपहास के बजाय कर्म और संकल्प की शक्ति से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। 'मंगलयान' मिशन भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों का एक बड़ा प्रमाण है, जिसने न केवल देश को गर्वित किया बल्कि पूरी दुनिया को यह दिखा दिया कि भारत अब सिर्फ एक विकासशील देश नहीं, बल्कि तकनीकी और वैज्ञानिक नवाचारों का नेतृत्व करने में सक्षम राष्ट्र है।

क्या आपको भी इस ऐतिहासिक पल पर गर्व महसूस होता है? अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!

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