परिचय
भारत और मालदीव के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए "एकुवेरिन" (Ekuverin) सैन्य अभ्यास एक महत्वपूर्ण रक्षा अभ्यास है। वर्ष 2025 में इस सैन्य अभ्यास का 13वां संस्करण आयोजित किया जा रहा है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच समन्वय, युद्धक कौशल और आपसी सहयोग को बढ़ाना है।
यह ब्लॉग पोस्ट "एकुवेरिन सैन्य अभ्यास 2025" पर विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा, जिसमें इसके इतिहास, उद्देश्य, भागीदारी, महत्व, रणनीतिक पहलू और प्रभाव शामिल होंगे।
एकुवेरिन सैन्य अभ्यास क्या है?
एकुवेरिन (Ekuverin) का मतलब "मित्र" होता है, जो भारत और मालदीव के बीच मजबूत मित्रता और रक्षा सहयोग को दर्शाता है। यह सैन्य अभ्यास हर साल दोनों देशों की सेनाओं के बीच संयुक्त आतंकवाद विरोधी और उग्रवाद निरोधी अभियानों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जाता है।
एकुवेरिन सैन्य अभ्यास 2025 का स्थान और तिथियां
📍 एकुवेरिन 2025 कहां आयोजित हो रहा है?
इस वर्ष "एकुवेरिन-2025" सैन्य अभ्यास मालदीव में आयोजित किया जा रहा है। भारत और मालदीव हर साल इस अभ्यास की मेजबानी बारी-बारी से करते हैं।
📅 एकुवेरिन 2025 की तिथियां
यह सैन्य अभ्यास फरवरी 2025 में आयोजित किया जाएगा, जिसकी सही तिथियां अभी आधिकारिक रूप से घोषित नहीं की गई हैं।
एकुवेरिन सैन्य अभ्यास का इतिहास
भारत और मालदीव के बीच यह सैन्य अभ्यास 2009 में शुरू हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं को संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियानों और आपदा प्रबंधन कार्यों में सहयोग के लिए तैयार करना है।
अब तक के संस्करण:
वर्ष | स्थान |
---|---|
2009 | बेलगावी, भारत |
2010 | मालदीव |
2011 | कर्नाटक, भारत |
2012 | मालदीव |
2013 | महाराष्ट्र, भारत |
2014 | मालदीव |
2015 | त्रिवेंद्रम, भारत |
2016 | मालदीव |
2017 | बेलगावी, भारत |
2018 | मालदीव |
2019 | पुणे, भारत |
2021 | मालदीव |
2025 | मालदीव (अपेक्षित) |
एकुवेरिन सैन्य अभ्यास 2025 के उद्देश्य
भारत और मालदीव के बीच यह रक्षा अभ्यास निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करता है:
✅ आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन – संयुक्त रूप से आतंकवाद के खतरों से निपटने की रणनीति विकसित करना।
✅ संयुक्त सैन्य समन्वय – दोनों देशों की सेनाओं के बीच समन्वय और संचालन क्षमता को बढ़ाना।
✅ संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन – यूएन पीसकीपिंग मिशन के तहत रक्षा रणनीति को मजबूत बनाना।
✅ आपदा प्रबंधन और राहत अभियान – प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता प्रदान करने की तैयारी।
✅ सुरक्षा और सामरिक हितों की रक्षा – हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करना।
एकुवेरिन 2025 में कौन-कौन भाग ले रहा है?
इस वर्ष भारतीय सेना और मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
🔹 भारत की ओर से:
- भारतीय सेना के विशेष बल (Para SF)
- राष्ट्रीय राइफल्स और इंफेंट्री यूनिट्स
- सामरिक रक्षा विशेषज्ञ
🔹 मालदीव की ओर से:
- मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF)
- मरीन कोर यूनिट्स
एकुवेरिन सैन्य अभ्यास का महत्व
1. भारत-मालदीव रक्षा सहयोग को बढ़ावा
यह अभ्यास भारत और मालदीव के बीच सैन्य और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करता है।
2. हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) की सुरक्षा
भारत हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों को संतुलित करने के लिए मालदीव के साथ अपने रक्षा सहयोग को गहरा कर रहा है।
3. आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने में सहयोग
यह अभ्यास आतंकवाद के बढ़ते खतरों से साझा सुरक्षा रणनीति विकसित करने में मदद करता है।
4. आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता
भारत और मालदीव दोनों प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों में सहयोग को बेहतर बनाने के लिए इस अभ्यास का उपयोग करते हैं।
भारत और मालदीव के रक्षा संबंधों में एकुवेरिन की भूमिका
भारत की ‘Neighborhood First Policy’ का हिस्सा
एकुवेरिन सैन्य अभ्यास भारत की "पड़ोसी प्रथम नीति" (Neighborhood First Policy) का हिस्सा है, जिसमें भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ सुरक्षा संबंध मजबूत करने का प्रयास करता है।
मालदीव के लिए भारत की सुरक्षा सहायता
- भारत ने 2023 में मालदीव को तटीय गश्ती नौकाएं और सैन्य सहायता प्रदान की थी।
- भारतीय नौसेना ने मालदीव को समुद्री सुरक्षा में सहयोग देने के लिए कई समझौते किए हैं।
एकुवेरिन 2025: भविष्य की संभावनाएं
- भारत-मालदीव रक्षा समझौतों को और मजबूत किया जा सकता है।
- साइबर सुरक्षा और सैन्य खुफिया साझेदारी को बढ़ाने के प्रयास किए जा सकते हैं।
- भविष्य में त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास (भारत-मालदीव-श्रीलंका) आयोजित किया जा सकता है।
निष्कर्ष
"एकुवेरिन सैन्य अभ्यास 2025" भारत और मालदीव के रक्षा संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आतंकवाद विरोधी अभियानों, आपदा प्रबंधन, और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करता है।
भारत और मालदीव के बीच यह रक्षा सहयोग न केवल हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा को बढ़ाएगा, बल्कि द्विपक्षीय संबंधों को भी और अधिक मजबूत करेगा
👉 एकुवेरिन अभ्यास के बारे में अधिक जानकारी के लिए भारत सरकार की रक्षा मंत्रालय वेबसाइट देखें।
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