मध्य प्रदेश में बनेगा भारत का पहला व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर – जानिए पूरी जानकारी

 

मध्य प्रदेश में 'व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर' की स्थापना



भूमिका

हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर स्थापित करने की घोषणा की है। यह केंद्र रीवा जिले में बनाया जाएगा, जो ऐतिहासिक रूप से सफेद बाघों की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है। इस केंद्र की स्थापना का उद्देश्य सफेद बाघों के संरक्षण और प्रजनन को बढ़ावा देना है, जिससे इनकी विलुप्त होती प्रजाति को बचाया जा सके। इसके अलावा, यह पहल पर्यटन और जैव विविधता को भी मजबूत करेगी।

सफेद बाघ: एक दुर्लभ प्रजाति

सफेद बाघ क्या है?

सफेद बाघ (White Tiger) बंगाल टाइगर (Panthera tigris tigris) की एक विशेष प्रजाति है, जिसमें आनुवंशिक परिवर्तन के कारण सफेद रंग विकसित होता है। यह एक दुर्लभ आनुवंशिक परिवर्तन है, जिसे ल्यूसीज्म (Leucism) कहा जाता है, जिससे उनकी त्वचा का रंग सफेद हो जाता है, लेकिन उनके शरीर पर धारियां बनी रहती हैं।

सफेद बाघों का इतिहास

मध्य प्रदेश का रीवा जिला सफेद बाघों की ऐतिहासिक जन्मस्थली माना जाता है। 1951 में, महाराजा मार्तंड सिंह ने 'मोहन' नामक पहले सफेद बाघ को पकड़ा था, जिसे बाद में सफेद बाघों के प्रजनन कार्यक्रम में शामिल किया गया। यह वही बाघ था जिससे आज दुनिया भर के सफेद बाघों की वंशावली जुड़ी हुई है।

व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की विशेषताएँ

इस परियोजना का उद्देश्य

  1. सफेद बाघों का संरक्षण: इस केंद्र के माध्यम से सफेद बाघों की संख्या में वृद्धि की जाएगी।
  2. जैव विविधता को बढ़ावा: वन्यजीवों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास को बनाए रखना।
  3. पर्यटन को बढ़ावा: यह ब्रीडिंग सेंटर पर्यटकों को आकर्षित करेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।
  4. वन्यजीव अनुसंधान: इस केंद्र में वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को वन्यजीवों पर अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।

कहाँ बनेगा यह सेंटर?

यह मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्थित गोविंदगढ़ के जंगलों में स्थापित किया जाएगा। यह स्थान ऐतिहासिक रूप से सफेद बाघों के लिए जाना जाता है और यहाँ की जलवायु एवं पर्यावरण इनके लिए अनुकूल है।

इस परियोजना के लिए बजट और निवेश

मध्य प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिए करीब 50 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। यह राशि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से जुटाई जा रही है।

सफेद बाघों के संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?

  1. जनसंख्या में गिरावट: सफेद बाघों की संख्या दिन-ब-दिन घट रही है। यह केंद्र उनकी संख्या बढ़ाने में मदद करेगा।
  2. प्राकृतिक आवास का नुकसान: वनों की कटाई और शहरीकरण के कारण बाघों के प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहे हैं।
  3. शिकार और अवैध तस्करी: बाघों की खाल, हड्डियाँ और अन्य अंगों की तस्करी इनके अस्तित्व के लिए खतरा बनी हुई है।

पर्यावरण और पर्यटन पर प्रभाव

  1. पर्यावरणीय संतुलन: सफेद बाघों का संरक्षण जैव विविधता बनाए रखने में मदद करेगा।
  2. पर्यटन को बढ़ावा: यह केंद्र देशभर और विदेशों से पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
  3. स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर: इससे स्थानीय लोगों को नई नौकरियाँ मिलेंगी, जिससे उनकी आजीविका में सुधार होगा।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना वन्यजीव संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण और पर्यटन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल सफेद बाघों की विलुप्त होती प्रजाति को बचाने में मदद करेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। यदि यह परियोजना सफल होती है, तो यह पूरे देश में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल होगी।

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