ई-कचरा क्या हैं? और कैसे ये पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे है।?

 ई - कचरा पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है । भारत ई - कचरे के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल है । आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे के ई कचरा क्या है और , कैसे इसका निपटारा किया जा सकता है ... विश्व पृथ्वी दिवस ( 22 अप्रैल ) 


ई-कचरा क्या हैं?

इलेक्ट्रानिक उपकरणों का बड़ा बाजार और उपभोक्ता है । लोग नियमित तौर पर फोन , टैबलेट , लैपटाप , सीडी , टीवी , मानिटर , माइक्रोवेव आदि खरीदते रहते हैं , जो एक समय के बाद बेकार हो जाते हैं । जब ये उपकरण हमारे किसी काम के नहीं रह जाते , तो यही इलेक्ट्रानिक कचरा यानी ई - कचरा कहलाता है । 



ई - उपकरणों के बढ़ते बाजार के साथ ई - कचरे की समस्या भी बढ़ती जा रही है , जो पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या है । इसका गंभीर प्रभाव पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है । दरअसल , ई - कचरे में पारा , कैडमियम और क्रोमियम जैसे कई विषैले घटक शामिल होते हैं । अगर इनका सुरक्षित तरीके से निस्तारण न हो तो फिर ये मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं । इतना ही नहीं , ई - कचरा मिट्टी और भूजल को भी दूषित करता है । कई बार लोग अपने ई - कचरे को बिना किसी उचित प्रक्रिया का पालन किए डंप कर देते हैं , जो कि पर्यावरण के लिए कहीं अधिक खतरनाक है ।

 कैसे हो निस्तारणः 

ई - कचरा भारत के लिए भी एक गंभीर चुनौती है । हालांकि देश में कई ऐसे संस्थान हैं , जो ई - कचरे के निस्तारण की दिशा में कार्य कर रहे हैं । आइआइटी मद्रास के शोधार्थियों ने ' ई - सोर्स ' नाम से एक प्लेटफार्म बनाया है , जो ई - कचरे की मरम्मत और उसे फिर से उपयोग में लाने के अवसर बढ़ाने में मदद करेगा । इतना ही नहीं , कई एनजीओ भी ई - कचरे का निपटान करने में मदद कर रहे हैं । बेंगलुरु स्थित ' साहस ' एक ऐसा ही लोकप्रिय संगठन जो ई - वेस्ट रीसाइक्लिंग की दिशा में कार्य करता है । नमो ई - वेस्ट जैसे स्टार्टअप भी हैं , जो एसर ,  फ्लिपकार्ट और सैमसंग सहित  विभिन्न कंपनियों से ई - कचरा एकत्र कर उसे रीसाइकिल करते हैं । इसके अलावा , अपने लोकेशन के हिसाब से भी सर्च इंजन के माध्यम से ई - रीसाइक्लिंग कंपनियों को खोज सकते हैं । कई इलेक्ट्रानिक कंपनियां अपने उपकरणों को मुफ्त में रीसाइकल करने की पेशकश करती हैं । अर्थ 911 वेबसाइट के अनुसार , 70 प्रतिशत से अधिक गैजेट को रीसाइकिल किया जा सकता है । ऐसा इसलिए , क्योंकि ये प्लास्टिक , स्टील , एल्युमिनियम , तांबा , सोना , चांदी जैसे मूल्यवान पदार्थों से बने होते हैं । इन वस्तुओं को जितना अधिक फिर से रीसाइकिल किया जाएगा , उतना ही कम ऊर्जा का उपयोग इलेक्ट्रानिक्स निर्माताओं को प्लास्टिक जैसे पदार्थों को बनाने के लिए करना होगा । 


पुराने डिवाइस से कमाई कैसे करें।

आमतौर पर लोगों के घरों में बहुत से ऐसे इलेक्ट्रानिक उपकरण होते हैं , जिनका वे उपयोग नहीं करते हैं । यह इलेक्ट्रानिक कचरा ही है , जिसे किसी कबाड़ वाले को देने से बेहतर है कि उसे सही हाथों में दे दें । कई कंपनियां हैं , जो घर से पुराने इलेक्ट्रानिक डिवाइस ले जाती हैं । उसके बदले में रुपये भी मिल जाते हैं । अपने पुराने फोन , स्मार्टवाच , लैपटाप , टैबलेट , है डेस्कटाप आदि को बेचने के लिए  कैशिफाई की मदद ले सकते हैं । यहां आनलाइन इलेक्ट्रानिक प्रोडक्ट बेच सकते हैं । इसका एग्जीक्यूटिव आपके द्वारा निर्धारित जगह से  प्रोडक्ट ले जाएगा और उसी समय पेमेंट भी कर देगा । इसी तरह के  कई और प्लेटफार्म हैं , जैसे कि बदली , गेट इंस्टा कैश , कैश आन पिक़ , रीसाइकिल डिवाइस , जहां से आप पुराने इलेक्ट्रानिक प्रोडक्ट को बेच सकते हैं । वैसे भी , ई - कचरे को किसी कूड़ेदान में नहीं फेंकना चाहिए , क्योंकि इसमें कई ऐसे कंपोनेंट्स होते हैं , जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं । इसलिए ई - कचरे के निस्तारण के लिए हमेशा अधिकृत ई - कचरा रीसाइकलर की तलाश करनी चाहिए । 

क्या करें पुराने उपकरणों का

 यदि पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं , तो फिर फोन या अन्य उपकरणों को अपग्रेड करने से पहले पुनर्विचार कर लें । यदि कोई उपकरण अभी भी अच्छी स्थिति में है या केवल मामूली मरम्मत से ठीक हो सकता है , तो नये को खरीदने से बचना चाहिए। आपके घर में कई ऐसे इलेक्ट्रानिक उपकरण होते हैं जिनका उपयोग बिल्कुल भी नहीं करते । ऐसे में बेहतर होगा कि उसे किसी जरूरतमंद को दान कर दें । पुराने डिवाइस को बेचने या फिर किसी को दान करने से पहले सभी डाटा का बैकअप जरूर रख लें । अपने फोन में मौजूद सभी फोटो और वीडियो का बैकअप लेने के बाद डिवाइस को फैक्ट्री रीसेट करना न भूलें ।



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