आज के इस कलियुग मे बीमारी आम बात हर मनुष्य में कुछ ना कुछ बीमारी होती ही है ,कुछ बीमारियाँ मनुष्य के खान पान रहन सहन और परिवेश से होती है और कुछ मनुष्य के जन्म से होती है इसके जिम्मेदार सिर्फ माता पिता होते हैं। आज इस लेख में हम ऐसी एक बीमारी के बारे में बात करने वाले जिसका नाम सिकलिंग है यह बीमारी मरीज के जन्म से होती है । इस लेख में आप जानने वाले हैं कि सिकलिंग की बीमारी क्या है इसके लक्षण और उपचार।
सिकलिंग बीमारी क्या है |सिकल सेल एनीमिया किसे कहते है ? यह एक अनुवांशिक बीमारी है इस बीमारी को SCA सिकल सेल एनीमिया और SCD सिकल सेल डिजीज भी कहा जाता है । एक स्वस्थ मनुष्य का RBC यानी लाल रक्त कोशिकाओं का आकार गोल गोल होता है किन्तु जो व्यक्ति सिकलिंग से ग्रसित होता है उसका RBC अर्ध चंद्र यानी इंग्लिश लेटर C की तरह होता है इस लिए इस बीमारी को सिकल सेल कहा जाता है । रक्त C अकार होने की वजह से रक्त संचार के समय यह नसों और मांसपेशी में फस जाते हैं खास कर जोडो में, इसलिए मरीज को जोडों की दिक्कत होती है ।
लक्षण
● दुबलापन इस बीमारी के कारण शरीर का सही ढंग से विकाश नहीं हो पाता इसलिए सिकल सेल से ग्रसित व्यक्ति सामान्य व्यक्ति की तुलना में थोड़ा कमजोर होते हैं ।
● बार बार स्किन इंफेक्शन होना ।
● महीने में अधिक दिन हल्का बुखार होना।
●कम परिश्रम से ज्यादा थकान महसूस होना ।
●सूजन और जोड़ो में दर्द रहना ।
● शरीर पिला पड़ना ।
●बार बार जॉन्डिस होना ।
● साँस लेने में दिक्कत ।
सिकल सेल एनीमिया का इलाज सिकल सेल या सिकलिंग का दो तरह का इलाज बताएंगे पहला घरेलू जिससे धीरे धीरे छुटकारा पा सकते हैं और दूसरा जो कि हॉस्पिटल में किया जाता है ।
ऑपरेशन > इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए एक ही उपाय है "बोर्न मेरो ट्रांसप्लांट " यही एक इस बीमारी का पूर्ण रूप से इलाज है ।
घरेलू > घरेलू इलाज में सिकलिंग से ग्रसित व्यक्ति को खान पान में ध्यान देना चाहिए । पोस्टिक आहार और सुखम व्यायाम लेना चाहिए । श्री राम देव बाबा के अनुसार इस बीमारी को योग से मात दिया जा सकता है इसके लिये प्रतिदिन 30 मिनट भस्त्रिका प्रणायाम करें और एलोबेरा का सेवन करें ।
0 टिप्पणियाँ