ब्रह्मांड का निर्माण कैसे हुआ था जानिए इस पोस्ट में ।।
दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते है कि आज से 50 साल पहले Neil Armstrong चाँद पर जाने वाले पहले व्यक्ति बन चुके है और अब तक चाँद पर करीब 12 अंतरिक्ष यात्री चाँद पर जा चुके है दोस्तों आज हम अंतरिक्ष के इतने गहराइयों में जा चुके है जितना कि हम धरती पर मौजूद समुद्र की गहराई में अभी तक हम नही जा सके है और आज NASA और SpaceX जैसी बड़ी स्पेस एजेंसी आने वाले कुछ सालों में इंसानो को मंगल ग्रह पर बसाने की सोच रही है दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे कि SpaceX के CEO (Elon Musk) का मानना है कि मंगल ग्रह भी पहले हमारी पृथ्वी जैसी हुआ करती थी. लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से आज यह ग्रह बे जान पड़ा हुआ है।
लेकिन दोस्तों Elon Musk का कहना है कि हम मंगल को कोई Teraforming की मदत से फिर से हम मंगल ग्रह को पृथ्वी जैसा रहने लायक बना सकते है वैसे तो दोस्तों Nasa ने हमारे ब्रह्मंड में पृथ्वी जैसे कई ग्रहों की खोज कर चुके है लेकिन दोस्तों अब तक हम यह जानने में असमर्थ है कि आखिरकार हमारा ब्रह्मंड कितना पुराना है और हमारे इस ब्रह्मांड का निर्माण कैसे हुआ था. हाँलाकि दोस्तों कुछ वैज्ञानिकों की थेओरी से हम लगभग काफी हद तक इसके बारे में जान चुके है जी हाँ दोस्तों आज हम आपको अपने ब्रह्मंड के बारे में बताने वाले है कि आखिर हमारे ब्रह्मंड की उत्पत्ति कैसे हुई? तो आइए जानते है।
द बिग बैंग थ्योरी
दोस्तों हम जिस गृह पर रह हे हैं उसे पृथ्वी कहा जाता है पर हमारे ग्रह पृथ्वी की सूर्य मंडल में है वह सूर्य सौरमंडल है हमारा सौरमंडल जिस आकाशगंगा में स्थित है इसका नाम मिल्की वे है और मिल्की वे में हमारे सौरमंडल जैसे करोड़ों की संख्या में सौरमंडल मौजूद है इस पूरे ब्रह्मांड में अरबों की संख्या में अकाश गंगा है इस अंतहीन ब्रह्मांड का कोई छोर नहीं है लेकिन अब सवाल यह उठता है कि इस ब्रम्हांड का निर्माण कैसे हुआ? हमेशा से ही वेज्ञानिक इसकी खोज में लगे हैं कि आखिर इस संसार की उत्पत्ति कैसे हुई और कैसे ब्रम्हाण्ड अस्तित्व में आया? कैसे बनी यह हवा, पानी, जमीन, आप और हम? इस बात को लेकर खोज चली और सामने आई बिग बैंग थ्योरी जिसमें यह समझाने की कोशिश की गई कि आखिर इस ब्रम्हांड और पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ?
जॉर्ज लेमैत्रे विस्फोटक का सिद्धांत
दोस्तों कई लोगों का मानना है कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में स्थान देने वाले स्टीफन हॉकिंग है जबकि साल 1927 में जॉर्ज लेमैत्रे ने महा विस्फोटक का सिद्धांत दिया था. तब इस theory के अनुसार ब्रम्हाण्ड मात्र केवल एक गोला था और इसके अलावा और कुछ भी नहीं था. ना कोई गृह था और ना ही कोई आकाशगंगा. आज से करीब 14 अरब साल पहले इस गोले में एक महा विस्फोट हुआ. महाविस्फोट के समय तापमान अत्याअधिक था लेकिन जैसे-जैसे ब्रह्मांड का फेलाव होता गया तापमान में कमी आती गई. और ब्रह्मांड की इस अवस्था को प्लाज्मा अवस्था कहा जाता है इस अवस्था में अंधेरा था और रोशनी का नामोनिशान नहीं था इस समय तक किसी अणु की भी उत्पत्ति नहीं हुई थी यह समय ब्रम्हाण्ड का डार्क टाइम कहलाता है।
ब्रह्मंड में पहले तारे का निर्माण
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उस समय जब ब्रह्मांड के कण तेजी से गति कर रहे थे और आगे चलकर इस पदार्थ में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बनने लगे जिससे बिग बैंग के 4,00,000 साल बाद ब्रह्मांड के पहले अणु हाइड्रोजन का निर्माण हुआ. हाइड्रोजन का निर्माण से पहले प्लाज्मा अवस्था करीब 3.5 लाख वर्षों तक रही और इसके बाद गुरुत्वाकर्षण की उत्पत्ति हुई. जिससे हाइड्रोजन के अणुओं से ही helium बना और ब्रम्हांड के पहले तारें का निर्माण हुआ। और अंधकारमय ब्रह्मांड रोशनी से चमक उठा इसके बाद भी ब्रह्मांड का विस्तार जारी था अणुओं का निर्माण भी लगातार होता रहा जिससे नए तारों का बनना जारी रहा ब्रहमांड में धीरे-धीरे ग्रहों का निर्माण हुआ।
य9स जो कि आज भी जारी है तारों के साथ ग्रहों के बनने से सौरमंडल की उत्पत्ति हुई और आकाशगंगा का निर्माण हुआ. इसके निर्माण के पीछे कॉस्मिक पदार्थ है हमारा सूर्य और सौरमंडल इसी तरह की निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा है बिग बैंग के निर्माण से ही ब्रम्हाण्ड लगातार फेलाव पर है।
एडविन Hubble
जॉर्ज ने जब यह सिद्धांत दिया तब उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया था. लेकिन जब सदी के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने इस सिद्धांत को लोगों के सामने लाया तो लोगों ने यकीन किया. जॉर्ज लेमेत्रे के बाद 1929 में एडविन Hubble ने एक खोज की जिसे उन्होंने लाल विचिलन यानी कि रेडशिफ्ट नाम दिया. इसमें उन्होंने कहा कि विस्फोट बने सभी ग्रह और आकाशगंगा एक दूसरे से दूर जाने लगी है इसका अर्थ है यह है कि पहले यह पास पास रही होगी. इस बात को लेकर भी एक खोज हुई जिसे फ्रेड हॉयल का स्थाई स्थिति मॉडल कहा जाता है
उन्होंने कहा कि जब आकाशगंगा एक दूसरे से दूर जा रही है तो उनके बीच जगह हुई और इस जगह से कई सारे नए पदार्थों का निर्माण हुआ हालांकि उस समय इन सब की बातों को कोई नहीं मानता था और उन्हें पागल कहा जाता था लेकिन साल 1956 में ब्रम्हाण्ड सूक्ष्म तरंग विकिरण की खोज में इसे माना गया और इसे एक मान्य सिद्धांत घोषित किया गया है ।
हालांकि कई सारे खोजे हुए जैसे कि गॉड पार्टिकल लेकिन वह सब बिग बेंग पर ही आधारित थी कई बार कहा जाने लगा कि इस तारीख को दुनिया खत्म हो जाएगी लेकिन यह सब बातें हव्किंग ने झुठला दी थी उन्होंने भगवान् के अस्तित्व को भी नकारा है उन्होंने कहा कि बिग बेंग से पहले भी कोई भगवान नहीं था और ना ही अब भी कोई भगवान है यानी कि बिग बैंग ही सब कुछ है जिससे यह ग्रह और यह ब्रह्मांड बना और हमारी उत्पत्ति हुई।
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NICE INFORMATION
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