स्टेम सेल तकनीक एक आधुनिक युग का वो बेहतर और उज्जवल भविष्य का सपना है जो आज के समय में बहुत सारे क्षेत्रों में सबका ध्यान आकर्षित कर रहा है। आज जानते हैं इसके विषय में
सबसे पहले समझें कि यह स्टेम सेल क्या है
- यह एक विशेष प्रकार के सेल है जो प्रमुख भ्रुण में मुख्यता शरीर के अलग-अलग भागों का निर्माण करते हैं और एक शरीर तैयार होता है।
- यह बड़े होने पर भी शरीर में हड्डियों, फैट टिश्यू और अन्य भागों में मौजूद होते हैं लेकिन बड़े होने पर इनकी शक्त इतनी अधिक नहीं रहती जितनी की भ्रुण में होती है।
- भ्रूण में पाए जाने वाले स्टेम सेल्स शरीर के बहुत सारे भागों के निर्माण में सक्षम होते हैं लेकिन उम्र के साथ अगर बड़े लोगों के शरीर में मौजूद स्टेम सेल्स को देखा जाए तो यह एक विशेष प्रकार की अन्य कोशिकाओं को ही जन्म दे पाते हैं ऐसे हाल के प्रयोगों में देखा गया है।
तकनीक
- इसमें स्टेम सेल्स को डोनर के शरीर से लेकर रोगी को दिया जाता है।
- जिसमें सबसे पहले एक बेहद जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और यह देखा जाता है रोगी का शरीर रिं-प्रोग्राम के लिए कितना तैयार है
- इसके बाद एक जैसे अच्छे डोनर के स्टेम सेल्स लेकर उसमें कुछ मोडीफइकेशन जैसे कि वो सेल्स एक विशेष प्रकार का प्रभाव ही दिखाएं आदि पर काम किया जाता है
- Induced Pluripotent Stem Cells जिन्हें IPSC's की कहा जाता है वो रोगी के शरीर में कैसे काम करेंगे …क्योंकि हमारे शरीर एक बेहद जटिल संरचना है… हर भाग बिल्कुल अलग तरह से काम करता और अलग-अलग प्रकार के सेल्स से बना है
- इन स्टेम सेल्स को तब फ्रोज़न अवस्था में रखकर बाद में जब रोगी तैयार हो जाता तब उसे शरीर में पहुंचा दिया जाता है इसके परिणाम क्या होंगे यह लगभग कुछ महीनों बाद प्रभाव दिखाते हैं।
- इसके बाद इम्यूनो फरोरीसेट तकनीक से देखा जाता है।[1] कि यह किस तरह से काम कर पा रहा है। कुछ दिनो बाद टेस्ट किए जाने पर तब यह साफ हो जाता है कि आपको बेहतर परिणाम मिल रहे हैं और यह कैसे प्रितिक्रिया दे रहे हैं शरीर में।
प्रयोग
- ह्रदय के लिए ऐसे स्टेम सेल्स को डोनर से रोगी के ह्रदय में दिया जाएगा और वह ह्रदय की खराब हुई कोशिकाओं को फिर से नया बना देगा ऐसा प्रयोग आने वाले में एक आम बात होगी और यह शरीर के अन्य भागों के लिए भी काम में लाई जाएगी।
- अभी बोन मेरो ट्रांसप्लांट कैंसर के एक प्रकार ल्यूकेमिया को ठीक करने के लिए अपनाया जा रहा है
- जिसमें रोगी के स्टेम सेल्स को पहले कीमोथेरेपी से खत्म कर नए स्टेम सेल्स को दिया जाता है इस समय रोगी को कुछ दवाएं खाने होती है ताकि उसका शरीर ठीक से इस नए बदलाव को सहना सीख सकें। बाद में टेस्ट रिजल्ट से यह घोषित किया जाता है कि यह ठीक काम कर पा रहे या नहीं।
इस्तेमाल
- यह सेल कोशिकाओं को जन्म देने की शक्ति रखते हैं और इनके बेहतर अध्ययन से हम बहुत सारी जानकारी जो ह्यूमन बायोलॉजी में तहलका मचा सकती है की खोज कर सकते हैं।
- इसके अलावा इसमें आजकल रोगियों की इम्यून सिस्टम को बेहतर करने के लिए किया जा रहा है जिसे बोन मेरो ट्रांसप्लांट के नाम से जानते हैं।
- बिल्कुल यह इस आधुनिक युग में चिकित्सक क्रांति लाने के लिए आने वाले वर्षों में बेहद कारगर होने वाला है।
- आप को किसी भी डोनर की आवश्यकता नहीं रहेगी जैसे आंखों, दिल, किडनी, आदि के ट्रांसप्लांट के लिए इन भागों का निर्माण लैब्स में किया जाएगा।
भविष्य में कैसी बीमारियों के इलाज संभव है ?
- ऐसी बिमारियां जिन्हें ठीक करना मुश्किल और नामुमकिन साबित हो रहा है जैसे ऐसी कैंसर, अल्जाइमर, डायबिटीज(type-1), अर्थराइटिस, पार्किसन, टूटी हुई रीड की हड्डी की चोटों को ठीक करना, सिकल सेल एनीमिया, Strokes, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर्स, Autism इत्यादि शामिल हैं।
- इसके आलावा हमारे शरीर में आई किसी भी प्रकार की चोट को भरने के लिए, नई कोशिकाओं के निर्माण के लिए यह स्टेम सेल्स बहुत ही उपयोगी है
- इसे हमारे शरीर में तांत्रिक सिस्टम को बेहतर करने के लिए भी भविष्य में देखा जा रहा है।
- इन सब के बावजूद सबसे बड़ा खतरा हमेशा रोगी के शरीर का रिजेक्शन सिस्टम रहता है और इस तकनीक को लेकर भी कई कठोर कानून बनाए गए है ताकि इसका इस्तेमाल कुछ हदों में रहकर ही किया जाएं। आने वाले समय में इस तकनीक में क्या-क्या सुधार और विकास होगा यह देखना दिलचस्प रहेगा
अपना कीमती समय देकर हमारा यह पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏 अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखिए ☕ और हमेशा खुश रहिए 🤗
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